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आपात्कालीन संघर्ष-गाथा प्र.ग. सहस्रबुद्धे और मणिकचंद्र वाजपेयी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो 1975 में भारत में लगाए गए आपातकाल और उस दौरान हुए संघर्षों का विस्तृत वर्णन करती है। यह पुस्तक आपातकाल की पृष्ठभूमि, लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन, राजनीतिक दमन और जनता तथा विभिन्न संगठनों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों को दर्शाती है। लेखकों ने इस कालखंड के घटनाक्रमों का गहराई से विश्लेषण किया है, जिससे यह पुस्तक भारतीय लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता के लिए लड़े गए संघर्षों को समझने के इच्छुक पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती है।

Aapatkalin sangharsha - gatha

₹560.00Price
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  • P.G. SahastraBudhhe/ ManikChandra Vajpey

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राष्ट्रीय विचारांचा प्रचार आणि प्रसार या उद्देशाने शके १८९८, सन १९७६ मध्ये प्रकाशन संस्थेची स्थापना करण्यात आली. बालसाहित्य, संस्कारक्षम पुस्तके, सामाजिक, राष्ट्रीय, विज्ञान, शेती, पर्यावरण, योग, आरोग्य, संतसाहित्य, अर्थकारण, समरसता, चरित्रे,  कुटुंब प्रबोधन इत्यादी विषयावरील सुमारे ६५० ग्रंथ  आजवर भाविसाने प्रकाशित केले आहेत.

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