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अपना भारत और विदेशी भ्रमजाल शुभम वर्मा द्वारा लिखित एक विचारोत्तेजक पुस्तक है, जो भारत की सांस्कृतिक, आर्थिक और बौद्धिक स्वतंत्रता पर विदेशी प्रभावों के प्रभाव का विश्लेषण करती है। यह पुस्तक विदेशी विचारधाराओं, नीतियों और आर्थिक मॉडल के दुष्प्रभावों को उजागर करते हुए स्वदेशी अवधारणा, आत्मनिर्भरता और भारत की मूल विचारधारा को अपनाने की आवश्यकता पर जोर देती है। लेखक ने भारत की समृद्ध विरासत और उसकी वैश्विक भूमिका को समझने के लिए एक स्वदेशी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया है।

Apan bharat aur videshi bhramajaal

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  • Shubham Varma

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राष्ट्रीय विचारांचा प्रचार आणि प्रसार या उद्देशाने शके १८९८, सन १९७६ मध्ये प्रकाशन संस्थेची स्थापना करण्यात आली. बालसाहित्य, संस्कारक्षम पुस्तके, सामाजिक, राष्ट्रीय, विज्ञान, शेती, पर्यावरण, योग, आरोग्य, संतसाहित्य, अर्थकारण, समरसता, चरित्रे,  कुटुंब प्रबोधन इत्यादी विषयावरील सुमारे ६५० ग्रंथ  आजवर भाविसाने प्रकाशित केले आहेत.

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