भारत विभाजन पुस्तक में सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के विभाजन के समय की परिस्थितियों और इसके परिणामों पर विस्तार से विचार किया है। इस पुस्तक में पटेल जी ने भारतीय समाज और राजनीति के दृष्टिकोण से विभाजन की जटिलताओं को समझाया है। विशेष रूप से उन्होंने पाकिस्तान निर्माण और उससे जुड़े घटनाक्रमों, धार्मिक असहिष्णुता, और उस समय के नेताओं के निर्णयों की आलोचना की है। सरदार पटेल ने विभाजन के दौरान अपने कड़े नेतृत्व और समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश की थी, जिसे इस पुस्तक में दर्शाया गया है। यह पुस्तक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और विभाजन के इतिहास को समझने में महत्वपूर्ण योगदान देती है, विशेष रूप से पटेल जी की भूमिका और उनके दृष्टिकोण को उजागर करती है।
bhaarat vibhaajan
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सरदार पटेल
