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भारतीय इतिहास का विकृतीकरण एक संकलन है जो भारतीय इतिहास के विभिन्न पहलुओं को विकृत रूप में प्रस्तुत किए जाने के खिलाफ आवाज़ उठाता है। इस पुस्तक में उन ऐतिहासिक घटनाओं और व्यक्तित्वों का विश्लेषण किया गया है, जिन्हें जानबूझकर विकृत या तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है, ताकि भारतीय समाज और संस्कृति को नकारात्मक रूप में दिखाया जा सके। इसमें यह बताया गया है कि किस प्रकार अंग्रेजों और अन्य विदेशी ताकतों ने भारतीय इतिहास को उनकी राजनीतिक और सामरिक महत्वाकांक्षाओं के अनुसार मोड़ा और भारतीय सभ्यता के योगदान को दबाने की कोशिश की। संकलन में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, संस्कृति, और इतिहास के वास्तविक स्वरूप को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपने देश के गौरवपूर्ण अतीत से परिचित हो सकें और इतिहास की सही समझ विकसित कर सकें।

bhaarateey itihaas ka vikrtikaran

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राष्ट्रीय विचारांचा प्रचार आणि प्रसार या उद्देशाने शके १८९८, सन १९७६ मध्ये प्रकाशन संस्थेची स्थापना करण्यात आली. बालसाहित्य, संस्कारक्षम पुस्तके, सामाजिक, राष्ट्रीय, विज्ञान, शेती, पर्यावरण, योग, आरोग्य, संतसाहित्य, अर्थकारण, समरसता, चरित्रे,  कुटुंब प्रबोधन इत्यादी विषयावरील सुमारे ६५० ग्रंथ  आजवर भाविसाने प्रकाशित केले आहेत.

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