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भारतीय शिक्षा तथा भारतीयकरण सुरेश सोनी द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें भारतीय शिक्षा व्यवस्था और इसके भारतीयकरण पर गहन विचार विमर्श किया गया है। इस पुस्तक में लेखक ने भारतीय शिक्षा के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य, इसकी वर्तमान स्थिति, और पश्चिमी शिक्षा पद्धति से इसके प्रभाव को विस्तृत रूप से समझाया है। साथ ही, लेखक ने भारतीयकरण की आवश्यकता और महत्व को भी रेखांकित किया है, जिसमें भारतीय संस्कृति, परंपरा, और मूल्य प्रणाली को शिक्षा के ढांचे में समाहित करने की बात की गई है। भारतीयकरण का उद्देश्य भारतीय समाज को अपनी जड़ों से जोड़ते हुए शिक्षा को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। यह पुस्तक शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव और सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शिका है, जो भारतीयता को प्रमुखता देते हुए शिक्षा पद्धतियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाती है।

bhaarateey shiksha tatha bhaarateeyakaaran

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  • सुरेश सोनी 

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राष्ट्रीय विचारांचा प्रचार आणि प्रसार या उद्देशाने शके १८९८, सन १९७६ मध्ये प्रकाशन संस्थेची स्थापना करण्यात आली. बालसाहित्य, संस्कारक्षम पुस्तके, सामाजिक, राष्ट्रीय, विज्ञान, शेती, पर्यावरण, योग, आरोग्य, संतसाहित्य, अर्थकारण, समरसता, चरित्रे,  कुटुंब प्रबोधन इत्यादी विषयावरील सुमारे ६५० ग्रंथ  आजवर भाविसाने प्रकाशित केले आहेत.

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