भारतीय इतिहास का विकृतिकरण रघुनाथ प्रसाद शर्मा द्वारा लिखित एक शोधपरक पुस्तक है, जो भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किए जाने, उसके वास्तविक स्वरूप को बदलने और औपनिवेशिक व वैचारिक पूर्वाग्रहों के तहत इतिहास लेखन में किए गए विकृतिकरण पर प्रकाश डालती है। लेखक ने यह विश्लेषण किया है कि कैसे विदेशी शासकों, विचारधारात्मक इतिहासकारों और राजनैतिक उद्देश्यों ने भारतीय इतिहास को प्रभावित किया, और इसकी वास्तविक विरासत को धूमिल करने का प्रयास किया गया। यह पुस्तक इतिहास के सत्य को समझने और भारत के गौरवशाली अतीत को सही परिप्रेक्ष्य में देखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
Bhartiya Itihas ka vikrutikaran
₹100.00Price
Ragunath Prasad Sharma
