एकात्म मानववाद तत्व मीमांसा सिद्धांत विवेचन पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जिसमें उन्होंने एकात्म मानववाद के दर्शन और उसके सिद्धांतों का विस्तृत विश्लेषण किया है। इस पुस्तक में उपाध्याय जी ने यह सिद्ध किया है कि मानव जीवन का उद्देश्य केवल भौतिक सुख-साधनों की प्राप्ति नहीं है, बल्कि इसका वास्तविक उद्देश्य आत्मा, समाज और राष्ट्र के बीच सामंजस्य स्थापित करना है। उन्होंने यह विचार प्रस्तुत किया कि एकात्म मानववाद में व्यक्ति और समाज का विकास एक-दूसरे से जुड़े हुए होते हैं, और यह सिद्धांत भारतीय संस्कृति और धर्म के मूल्यों के अनुरूप है। इस पुस्तक के माध्यम से उपाध्याय जी ने समाज को एक समग्र दृष्टिकोण से देखने और जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन बनाए रखने का संदेश दिया है।
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deendayal upadhyay
