हिंदुत्व विनायक दामोदर सावरकर द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो भारतीय संस्कृति, समाज और धर्म के संदर्भ में हिंदुत्व के सिद्धांतों को प्रस्तुत करता है। सावरकर ने इस पुस्तक में हिंदुत्व को एक सांस्कृतिक, राष्ट्रीय और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से परिभाषित किया है, न कि केवल धार्मिक दृष्टिकोण से। उनके अनुसार, हिंदुत्व सिर्फ एक धर्म नहीं, बल्कि एक जीवनशैली, संस्कृति और एकता का प्रतीक है। सावरकर ने हिंदुत्व को भारतीय राष्ट्र की पहचान और शक्ति के रूप में देखा और इसे भारतीयता के एकीकृत रूप के रूप में प्रस्तुत किया। इस पुस्तक में उन्होंने भारत के इतिहास, संस्कृति, और समाज की एकजुटता की आवश्यकता को भी स्पष्ट किया। हिंदुत्व ने भारतीय राष्ट्रीयता और हिंदू समाज की जागरूकता को जगाया और इसे एक सशक्त आधार प्रदान किया।
Hindutva
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विनायक दमोधार सावरकर
