इस्लाम के दो चेहरे एक संकलन है जिसमें इस्लाम धर्म के दो पहलुओं का विश्लेषण किया गया है। इस पुस्तक में एक तरफ़ इस्लाम के उस पक्ष को प्रस्तुत किया गया है, जिसे शांति, मानवता और सहिष्णुता का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर उस पहलू को उजागर किया गया है जो आतंकवाद, कट्टरपंथ और हिंसा से जुड़ा हुआ है। संकलन में यह दर्शाया गया है कि कैसे कुछ लोग इस्लाम के नाम पर जिहाद और आतंकवाद फैलाते हैं, जबकि इस्लाम का असली संदेश शांति और भाईचारे का है। इसमें धर्म के सही पालन के तरीकों पर भी विचार किया गया है और यह बताया गया है कि किस प्रकार धर्म का राजनीतिक और सामाजिक शोषण किया जा सकता है। इस्लाम के दो चेहरे को समझने और उसे सही रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है ताकि समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और एकता बनी रहे।
islaam ke do chehare
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संकलन
