मन चंगा तो कटौती में गंगा एक प्रेरणादायक संकलन है, जो जीवन में मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और आंतरिक संतुलन की महत्ता पर आधारित है। इस पुस्तक में लेखक ने यह सिद्धांत प्रस्तुत किया है कि जब व्यक्ति का मन शुद्ध और सकारात्मक होता है, तो उसे हर कठिनाई में भी सुख और शांति मिलती है। इसमें यह बताया गया है कि आंतरिक शांति और संतोष का अनुभव बाहरी परिस्थितियों से नहीं, बल्कि हमारी मानसिक स्थिति और दृष्टिकोण से होता है। मन चंगा तो कटौती में गंगा एक गहरी सोच और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाने का संदेश देती है, जिससे व्यक्ति हर परिस्थिति में संतुष्ट और खुश रह सकता है। यह पुस्तक मानसिक और आत्मिक विकास के मार्ग को सरल तरीके से समझाती है।
man changa to katautee me ganga
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संकलन
