top of page

मेरा आजीवन कारावास विनायक दामोदर सावरकर की आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपनी जीवन यात्रा, ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष, और अपने कारावास के वर्षों के अनुभवों को साझा किया है। सावरकर ने इस पुस्तक में अपने साथ हुए अमानवीय व्यवहार, यातनाओं और उनके दृढ़ निश्चय को दर्शाया है, जब उन्हें अंडमान की काले पानी की जेल में सजा दी गई थी। यह पुस्तक सावरकर के संघर्ष, साहस, और उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को उजागर करती है। उन्होंने अपने कारावास के दौरान आत्मनिर्भरता और स्वाधीनता के महत्व को महसूस किया और यह पुस्तक उनके जीवन की कठिनाइयों और विजय की गाथा है।

Mera aajivan karavas

₹500.00Price
Quantity
  • विनायक दमोधार सावरकर 

Get in Touch With Us

309 Motibaug, Shaniwar Peth, Opp to Ahillyadevi Highschool, Pune, 411030

+91-02027151988
+91-8799931616

राष्ट्रीय विचारांचा प्रचार आणि प्रसार या उद्देशाने शके १८९८, सन १९७६ मध्ये प्रकाशन संस्थेची स्थापना करण्यात आली. बालसाहित्य, संस्कारक्षम पुस्तके, सामाजिक, राष्ट्रीय, विज्ञान, शेती, पर्यावरण, योग, आरोग्य, संतसाहित्य, अर्थकारण, समरसता, चरित्रे,  कुटुंब प्रबोधन इत्यादी विषयावरील सुमारे ६५० ग्रंथ  आजवर भाविसाने प्रकाशित केले आहेत.

bhavisa logo
© 2024 by Bhavisa. Powered by Digeetaly
bottom of page