मेरा आजीवन कारावास विनायक दामोदर सावरकर की आत्मकथा है, जिसमें उन्होंने अपनी जीवन यात्रा, ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष, और अपने कारावास के वर्षों के अनुभवों को साझा किया है। सावरकर ने इस पुस्तक में अपने साथ हुए अमानवीय व्यवहार, यातनाओं और उनके दृढ़ निश्चय को दर्शाया है, जब उन्हें अंडमान की काले पानी की जेल में सजा दी गई थी। यह पुस्तक सावरकर के संघर्ष, साहस, और उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को उजागर करती है। उन्होंने अपने कारावास के दौरान आत्मनिर्भरता और स्वाधीनता के महत्व को महसूस किया और यह पुस्तक उनके जीवन की कठिनाइयों और विजय की गाथा है।
Mera aajivan karavas
₹500.00Price
विनायक दमोधार सावरकर
