न फूल चढ़े न दीप जले नीलकंठ देशमुख द्वारा लिखित एक विचारोत्तेजक पुस्तक है, जो ऐसे नायकों और घटनाओं पर प्रकाश डालती है, जिन्हें इतिहास में वह स्थान नहीं मिला जिसके वे पात्र थे। यह पुस्तक देशभक्ति, संघर्ष, बलिदान और उन अनसुने वीरों की कहानियों को उजागर करती है, जिन्हें समय के साथ भुला दिया गया। लेखक ने भारतीय इतिहास के अनछुए पहलुओं और उपेक्षित महापुरुषों पर केंद्रित शोधपूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है, जिससे पाठक इतिहास के उन पक्षों को जान सकें, जिन पर पर्याप्त चर्चा नहीं हुई।
na phool chadhe na deep jale
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Nilkantha Deshmukh
