सामाजिक समरसता और हमारे संत एक संकलन है, जो भारतीय संतों के विचारों और उनके योगदान को समाज में समरसता और एकता के लिए प्रस्तुत करता है। इस पुस्तक में संतों के जीवन और उनके उपदेशों के माध्यम से समाज में एकता, भाईचारे और सामूहिक कल्याण के सिद्धांतों को उजागर किया गया है। संतों ने अपने जीवन के माध्यम से यह संदेश दिया कि किसी भी जाति, धर्म या समुदाय से परे, मानवता ही सर्वोपरि है। पुस्तक में संत कबीर, गुरु नानक, संत तुकाराम, रामकृष्ण परमहंस और अन्य महान संतों के विचारों और उनके कार्यों का उल्लेख है, जिन्होंने समाज में समानता और समरसता का प्रचार किया। सामाजिक समरसता और हमारे संत समाज में प्रेम, भाईचारे और समानता की भावना को बढ़ावा देने का एक प्रेरणादायक कार्य है।
saamaajik samarasata aur hamaare sant
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संकलन
