सामाजिक समता और संघ डॉ. मोहन भागवत द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो समाज में समानता और एकता की आवश्यकता पर बल देती है। इस पुस्तक में डॉ. भागवत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दृष्टिकोण से सामाजिक समता, जातिवाद, और भेदभाव को समाप्त करने के उपायों पर चर्चा की है। उन्होंने बताया है कि समाज में समरसता स्थापित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए, और इसके लिए संघ की विचारधारा और कार्यप्रणाली महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह पुस्तक समाज में एकता और समानता के सिद्धांत को समझने के लिए एक प्रेरणादायक मार्गदर्शिका है।
saamaajik samata aur sangh ( hindi )
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डॉ.मोहन भागवत
