सामाजिक समता तथा हिंदूसंगठन बाळासाहेब देवरस द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो समाज में समानता और हिंदू समाज के संगठित होने की आवश्यकता पर प्रकाश डालती है। इस पुस्तक में बाळासाहेब देवरस ने सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने, जातिवाद के खिलाफ संघर्ष करने और हिंदू समाज को एकजुट करने के विचार प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने यह बताया कि समाज में समता और समान अवसरों की आवश्यकता है, ताकि सभी वर्गों के लोग समान रूप से आगे बढ़ सकें। साथ ही, हिंदू समाज को अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों के आधार पर संगठित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। यह पुस्तक समाज में समता और एकता की दिशा में प्रेरणा देने वाली है।
saamaajik samata tatha hindoosangathan
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बाळासाहेब देवरस
