top of page

विश्व कल्याण के लिए भारतीय शिक्षा मुकुल कानिटकर द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के अद्वितीय गुणों और उसके वैश्विक प्रभाव पर केंद्रित है। इस पुस्तक में लेखक ने भारतीय शिक्षा के तत्वों, जैसे संस्कृति, नैतिकता, और समाज के प्रति जिम्मेदारी को उजागर किया है, और इसे न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए उपयुक्त बताया है। मुकुल कानिटकर का मानना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान देना नहीं है, बल्कि यह मानवता, भाईचारे, और सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए तैयार की जाती है। यह पुस्तक भारतीय शिक्षा के आदर्शों को पुनः स्थापित करने का एक प्रयास है, ताकि यह न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर समाज के समग्र विकास में योगदान कर सके।

vishv kalyaan ke leeye bhaarateey shiksha

₹20.00Price
Quantity
  • Mukul Kanitkar

Get in Touch With Us

309 Motibaug, Shaniwar Peth, Opp to Ahillyadevi Highschool, Pune, 411030

+91-02027151988
+91-8799931616

राष्ट्रीय विचारांचा प्रचार आणि प्रसार या उद्देशाने शके १८९८, सन १९७६ मध्ये प्रकाशन संस्थेची स्थापना करण्यात आली. बालसाहित्य, संस्कारक्षम पुस्तके, सामाजिक, राष्ट्रीय, विज्ञान, शेती, पर्यावरण, योग, आरोग्य, संतसाहित्य, अर्थकारण, समरसता, चरित्रे,  कुटुंब प्रबोधन इत्यादी विषयावरील सुमारे ६५० ग्रंथ  आजवर भाविसाने प्रकाशित केले आहेत.

bhavisa logo
© 2024 by Bhavisa. Powered by Digeetaly
bottom of page