विश्व कल्याण के लिए भारतीय शिक्षा मुकुल कानिटकर द्वारा लिखित एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जो भारतीय शिक्षा प्रणाली के अद्वितीय गुणों और उसके वैश्विक प्रभाव पर केंद्रित है। इस पुस्तक में लेखक ने भारतीय शिक्षा के तत्वों, जैसे संस्कृति, नैतिकता, और समाज के प्रति जिम्मेदारी को उजागर किया है, और इसे न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के कल्याण के लिए उपयुक्त बताया है। मुकुल कानिटकर का मानना है कि भारतीय शिक्षा प्रणाली का उद्देश्य केवल अकादमिक ज्ञान देना नहीं है, बल्कि यह मानवता, भाईचारे, और सामूहिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए तैयार की जाती है। यह पुस्तक भारतीय शिक्षा के आदर्शों को पुनः स्थापित करने का एक प्रयास है, ताकि यह न केवल राष्ट्रीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर समाज के समग्र विकास में योगदान कर सके।
vishv kalyaan ke leeye bhaarateey shiksha
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Mukul Kanitkar
