विश्वगुरू भारत: कल, आज और कल परशुराम गुप्त द्वारा लिखित एक प्रेरणादायक और विचारशील पुस्तक है, जो भारत के इतिहास, वर्तमान और भविष्य के संदर्भ में उसकी महानता को उजागर करती है। इस पुस्तक में लेखक ने भारतीय सभ्यता, संस्कृति, और धार्मिक मूल्यों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की है और यह बताया है कि कैसे भारत सदियों से ज्ञान और शिक्षा का केंद्र रहा है। साथ ही, यह पुस्तक भारत के वर्तमान समय में विश्वगुरु बनने की दिशा में चल रहे प्रयासों को भी रेखांकित करती है। परशुराम गुप्त ने भारत की ऐतिहासिक भूमिका, सांस्कृतिक धरोहर और भूतकाल में उसकी विश्व में महत्वपूर्ण उपस्थिति का विश्लेषण करते हुए यह बताया है कि भारत फिर से अपनी खोई हुई महिमा को प्राप्त कर सकता है और भविष्य में एक शक्तिशाली और समृद्ध राष्ट्र बन सकता है।
vishvaguroo bhaarat : kal, aaj aur kal
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परशुराम गुप्त
